डायमंड बुक्स ने प्रस्तुत की केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की फिक्शन बुक ‘बलवा’



पुस्तक “बलवा” उन्होंने अपने स्वयं के अनुभवों से कहानी दर्ज की है जिसमें कि निहित स्वार्थ कैसे सांप्रदायिक संघर्ष पैदा करते हैं, यह दर्शाया गया है। हिंदी भाषा में प्रकाशित, उनकी यह पुस्तक अपने पाठकों को बहुत सम्मोहक और रोमांचक सामग्री देने का वादा करती है। उनकी अगली दो पुस्तकें ‘राजलीला’ और ‘साइबर सुपारी’ हैं।




नई दिल्ली। जयपुर साहित्य उत्सव में लेखकों और पुस्तकों की चल रही लहर के बीच, डायमंड बुक्स ने एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी का नया उपन्यास “बलवा” अपने पाठकों के सामने प्रस्तुत किया है। भारत के सभी प्रमुख लेखकों के बीच, नकवी राजनेता से लेखक बनने वालों में से एक हैं, जिन्होंने उपन्यास के लिए लेखन किया। वह एक कथाकार हैं और थ्रिलर के लिए उनका प्यार इस तथ्य को बहुत अच्छी तरह से स्थापित करता है।


पुस्तक “बलवा” उन्होंने अपने स्वयं के अनुभवों से कहानी दर्ज की है जिसमें कि निहित स्वार्थ कैसे सांप्रदायिक संघर्ष पैदा करते हैं, यह दर्शाया गया है। हिंदी भाषा में प्रकाशित, उनकी यह पुस्तक अपने पाठकों को बहुत सम्मोहक और रोमांचक सामग्री देने का वादा करती है। उनकी अगली दो पुस्तकें ‘राजलीला’ और ‘साइबर सुपारी’ हैं।  

 

नकवी के साथ बने इस संबंध पर बोलते हुए, डायमंड बुक्स के अध्यक्ष, नरेंद्र कुमार वर्मा ने कहा, “उनमे लेखन की जन्मजात प्रतिभा है, नकवी का लेखन निस्संदेह पाठकों के लिए इंस्टेंट हिट साबित होता है। कहानी को रोमांचक और रहस्यमय तरीके से लिखना और चित्रित करना उनकी एक सहज शैली है। इस श्रृंखला में उनका पहला उपन्यास, सांप्रदायिक ताकतों से लोहा लेता दिखाई देता है, जो एक नैतिक सत्य प्रतीत होता है। नकवी जी ने उपन्यास की कहानी को इस तरह से बुना है कि पढ़ने वाले को यूँ लगता है जैसे सब कुछ हमारे सामने हो रहा है।”